दृढ़ आत्मविश्वास
लघु कथा
एक बार एक पक्षी समुंदर में से चोंच से पानी बाहर निकाल रहा था। दूसरे ने पूछा भाई ये क्या कर रहा है। पहला बोला समुंदर ने मेरे बच्चे डूबा दिए है अब तो इसे सूखा कर ही रहूँगा। यह सुन दूसरा बोला भाई तेरे से क्या समुंदर सूखेगा। तू छोटा सा और समुंदर इतना विशाल। तेरा पूरा जीवन लग जायेगा। पहला बोला देना है तो साथ दे। सिर्फ़ सलाह नहीं चाहिए। यह सुन दूसरा पक्षी भी साथ लग लिया। ऐसे हज़ारों पक्षी आते गए और दूसरे को कहते गए सलाह नहीं साथ चाहिए। यह देख भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी भी इस काम के लिए जाने लगे। भगवान बोले तू कहा जा रहा है तू गया तो मेरा काम रुक जाएगा। तुम पक्षियों से समुंदर सूखना भी नहीं है। गरुड़ बोला भगवन सलाह नहीं साथ चाहिए। फिर क्या ऐसा सुन भगवान विष्णु जी भी समुंदर सुखाने आ गये। भगवान जी के आते ही समुंदर डर गया और उस पक्षी के बच्चे लौटा दिए।
अगर आत्मविश्वास दृढ़ है और सच्चे मन से कोई भी कार्य करने की ठान लो तो प्रकृति भी आपकी मदद में शामिल हो जाती है।
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