पांच विद्वान (five scholars )

तू मेरी किस्मत क्या जाने ये तो वक्त ही बताएगा जो होना होगा वह तो होगा ही उसे कौन रोक पायेगा What will you know about my fate, only time will tell "दोस्तों हमारी यह कहनी पांच ऐसे दोस्तों की है जिन्होंने शिक्षा और ज्ञान के अहंकार में अपने ही दोस्त को लज्जित किया करते थे। ईश्वर ने कैसे उन अहंकारी दोस्तों को दंड दिया। आप इस कहानी के मा ध्यम से जानेंगे इस लिए इस कहनी को अंत तक जरूर पढ़े।" "Friends we have to say this There are five such friends who used to put their own friend to shame in the pride of education and knowledge. How did God punish those arrogant friends? You will know through this story, so read this story till the end. पुराने समय की बात है एक आश्रम में पांच दोस्त एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे। उनमें से चार चालाक थे और एक सीधा, सरल स्वभाव का था उसके मन में किसी के लिए कोई भेदभाव नही था। उसके चारों दोस्त उसका मजाक उड़ाया करते थे। फिर भी वह उन्हें कुछ नहीं कहता था चुपचाप हंस कर टाल दिया करता था। It is a matter of ...