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पांच विद्वान (five scholars )

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       तू मेरी किस्मत क्या जाने ये तो वक्त ही बताएगा    जो होना होगा वह तो होगा ही उसे कौन रोक पायेगा What will you know about my fate, only time will tell "दोस्तों हमारी यह कहनी  पांच ऐसे दोस्तों की है जिन्होंने शिक्षा और ज्ञान के अहंकार में अपने ही दोस्त को लज्जित किया करते थे। ईश्वर ने कैसे उन अहंकारी दोस्तों को दंड दिया। आप इस कहानी के मा ध्यम से जानेंगे इस लिए इस कहनी को अंत तक जरूर पढ़े।" "Friends we have to say this  There are five such friends who used to put their own friend to shame in the pride of education and knowledge.  How did God punish those arrogant friends?  You will know through this story, so read this story till the end. पुराने समय की बात है एक आश्रम में पांच दोस्त एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे। उनमें से चार चालाक थे और एक सीधा, सरल स्वभाव का था उसके मन में किसी के लिए कोई भेदभाव नही था। उसके चारों दोस्त उसका मजाक उड़ाया करते थे। फिर भी वह उन्हें कुछ नहीं कहता था चुपचाप हंस कर टाल दिया करता था। It is a matter of ...

किसान और अंग्रेज की दोस्ती(Farmer and English friendship)

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एक किसान था उसके पास दो गाय, एक जोड़ी बैल और एक भैंस थी। वह रोज सवेरे उठकर अपने सभी जानवरों को चारा खिलाता था जब सभी जानवर चारा खा लेते थे उसके बाद नित्य क्रिया करके सुबह का नाश्ता करके अपने खेतों में काम करने चला जाता था। There was a farmer, he had two cows, a pair of bullocks and a buffalo.  He used to get up early in the morning and feed all his animals, when all the animals ate the fodder, after that after doing daily activities, having breakfast in the morning, he went to work in his fields. उसके परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी और दो बच्चे भी थे। जब किसान खेत में काम करने चला जाता था तो उसकी पत्नी भैंस और गायों का दूध निकालती और खाना बनाती थी। Apart from him, his wife and two children were also in his family.  When the farmer went to work in the field, his wife milked buffaloes and cows and cooked food. उसके बाद बच्चों को खाना खिलाना बाद में स्कूल के लिए तैयार करना, स्कूल में छोड़ना बस यही इन सबका रोज का काम हुआ करता था। इनकी जिंदगी में किसी बात की कोई कमी नह...