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माँ का कर्ज़

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एक छोटे से परिवार में तीन लोग रहते थे । एक माँ उसका बेटा और बहु सब लोग बहुत ही खुश थे बेटा जॉब करता था । प्राइवेट कंपनी थी लेकिन सेलेरी इतनी थी कि उसके परिवार का गुजारा अच्छे से हो जाता था । लड़का अपनी माँ और पत्नी दोनों को ही बहुत प्यार करता था । वह अपनी माँ को वो सभी खुशियाँ देना चाहता था। जो उसके बस में था इसलिए एक उसने अपनी माँ से पूछा, "माँ लोग कहते हैं की माँ का कर्ज़् कोई कभी नहीं उतार सकता?" तो माँ ने कहा, सही बात है माँ बाप का कर्ज़ कोई कभी नहीं उतार सकता। बेटा बोला, लेकिन माँ मै आपका कर्ज़ उतारना चाहता हूँ। माँ बोली, बेटा जिद मत कर तुझसे नहीं हो पायेगा। लेकिन बेटा नहीं माना, वह बोला माँ आप बस इतना बताओ कि मुझे करना क्या है।  जब माँ को लगा कि यह नहीं मानेगा तो उन्होंने कहा ठीक है। मैने तुझे जो अपने पेट में रखा था उसके लिए मै यह नहीं कहूँगी चलो तुम भी अपने पेट में दो किलो का पत्थर बांध कर नव महीने तक घूमते रहो । तुम्हे केवल एक वर्ष तक मेरे साथ बिना किसी सवाल के जैसा मै कहूं वैसा ही करना होगा और मेरे बिस्तर पर ही सोना होगा ।  लड़का बोला बस केवल एक साल ही सोना है न । माँ न...

ऊंट की चोरी (theft of a camel)

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दोस्तों यह कहानी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की है ।आयोध्या का एक गांव है कहुवा पुराने जमाने में यह गांव चोरो के लिए मशहूर था। लोगो का मानना था। कि यहां के लोग कुछ भी चोरी कर सकते हैं। इस लिए बाहर से इस गांव में आने वाले लोग हमेशा सावधान रहते थे। Friends, this story is from Ayodhya district of Uttar Pradesh. Kahuva is a village in Ayodhya. In olden days this village was famous for thieves.  People believed.  That people here can steal anything.  That is why people coming to this village from outside were always careful. एक बार इस गांव में एक लड़की की शादी होने वाली थी तो लोगों ने आपस में सलाह करके यह निर्णय लिया कि हम लोग होने वाली शादी में आने वाले बारातियों का कोई सामान हम नहीं चुराएंगे क्योंकी हमारे घर की बेटी उनके घर की बहू बनने वाली है और ऐसे में हमें उनकी कोई भी चीज चुरानी नहीं चाहिए। धीरे धीरे शादी का दिन आ गया। बारात गांव में पहुंच गई। बारातियों ने आते ही ये शर्त रख दी कि अगर इस गांव में मेरा एक भी सामान चोरी हो गया तो मैं बिना दहेज के दुल्हन ले जाऊंगा ।............

पिता और पुत्र का प्रेम(father and son love)

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जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी। When a man was about forty-five years old, his wife passed away. People suggested second marriage but they refused saying that I have the gift given by my wife in the form of a son, with this my whole life will be well spent. पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी अपने तो कभी दोस्तों के ऑफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे। When the son became an adult, the entire business was handed over to the son. Sometimes he himself started spending time sitting in the office of his friends. पुत्र की शादी के बाद वह ओर अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया। He became more certain after the marriage of his son. The whole house was handed over to the daughter-in-law. पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दोहपर में खाना खा रहे...