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कौवे की कहानी (the crow story )

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रामायण के धार्मिक एवं पवित्र ग्रंथ रामायण के एक प्रसंग के अनुसार श्रीराम चन्द्र जी अपने वनवास के एक दिन माता सीता के साथ एक पुष्प वाटिका में बैठे थे। श्री राम जी ने कुछ पुष्प तोड़कर एक सुंदर पुष्पों का हार बनवाया और अपने हाथों से माता सीता जी को पहनाया।  इसी प्रकार अनेक प्रकार के पुष्पों के आभूषण श्री राम जी ने सीता माता को धारण किए थे, वैसे ही माता सीता जी तो सुंदर थीं लेकिन इन फूलों के आभूषणों ने अपने पुष्पों के आभूषणों में चार चांद लगा दिए। हिंदू धार्मिक और पवित्र ग्रंथ रामायण में एक घटना के अनुसार, श्री राम चंद्र जी अपने वनवास के दौरान एक दिन माता सीता के साथ फूलों के बगीचे में बैठे थे।  श्री राम जी ने कुछ फूल तोड़कर एक सुन्दर फूलों का हार बनाया और अपने हाथों से माता सीता जी को पहनाया।  इसी प्रकार श्री राम जी ने अनेक प्रकार के फूलों के आभूषण बनाकर सीता माता को पहनाए, यद्यपि माता सीता सुन्दर थीं, परन्तु इन फूलों के आभूषणों ने उनकी सुन्दरता में चार चांद लगा दिए। पत्थर की कीमत या अन्य ऐसी कहानियों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें उसी समय आकाश मार्ग से देवताओं ...

गोरखा राइफल्स

गोरखा राइफल्स के वीर सैनिक विष्णुश्रेष्ठ जिन्होंने 2 सितंबर 2010 को मौर्य एक्सप्रेस में पश्चिम बंगाल के जंगलों में हुई भीषण ट्रेन डकैती को अकेले ही विफल कर दिया। इन्होंने MBBS एंट्रेंस की परीक्षा देकर लौट रही एक लड़की को 40 लुटेरों के गिरोह से बचाया, (जो उठा कर उसे साथ ले जा रहे थे।) और एक भीषण ट्रेन डकैती को अकेले ही विफल कर दिया, सभी लुटेरे भागने को मजबूर हुए जो मरने से बच गए थे, या गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच गए। ये गुरखा उस रात भारतीय सेना से रिटायर होकर अपने घर लौट रहे थे। ट्रेन में डकैती पड़ गई, और यात्रियों से मोबाइल, गहने और लैपटॉप लूटे जाने लगे। जब वो इनके पास पहुंचे तो उन्होंने इनके पास बैठी छात्रा को साथ ले जाना चाहा। लांसनायक विष्णुश्रेष्ठ ने बिजली की तेजी से तुरंत अपनी खुखरी कमर से निकाली और उस लुटेरे की पसलियों के बीच से जगह बनाते हुए उसके दिल को चीर डाला। सभी डकैत इन पर हमला करने लगे, डिब्बे का गलियारा होने से जगह कम थी, डकैत आते और कटते जाते। उन्होंने अकेले ही 11 डकैतों को वहां काट कर बिछा दिया जिनमें से 3 दम तोड़ चुके थे। वहां डिब्बे में इतना खून बहा कि स्त्रियां बेहो...

साधू और वैश्या(monk and prostitute)

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एक गांव में एक महात्मा रहते थे वह गांव के ही एक शिव मंदिर में शिव ज़ी की पूजा किया करते थे । गांव के बाहर कुछ ही दूरी पर उनकी कुटिया थी और कुटिया के ठीक सामने एक वैश्या का घर था।  A Mahatma lived in a village, he used to worship Lord Shiva in a Shiva temple in the village itself.  He had a hut at some distance outside the village and just in front of the hut was a prostitute's house. वैसे उसका पेशा तो वैश्या का था लेकिन वह मन से शंकर भगवान की भक्त थी इसलिए प्रतिदिन अपने कार्य की सुरुवात से पहले प्रार्थना करती थी और अपने सभी अच्छे बुरे कार्यों को भगवान को समर्पित कर दिया करती थी। दूसरी तरफ महात्मा जी प्रतिदिन सुबह स्नान करके मंदिर जाते थे और पूजा पाठ कारवाते थे थोड़ी देर प्रभु का भजन होता था और फिर अपनी कुटिया पर वापस आ जाया करते  थे। Although her profession was that of a prostitute, but she was a devotee of Lord Shankar by heart, so she used to pray every day before starting her work and dedicate all her good and bad deeds to God.  On the other hand, Mahatma ji used to...