शाकाहार

शाकाहारी और माँसाहारी में अंतर

मानव मांसाहारी है या शाकाहारी है....
आइए समझते हैं 
आप लोग कहीं जा रहे हैं और 
सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई सांप छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिखाई दिया, जिसे आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो, तो सवाल यह है कि 
आप कैसे पहचानेंगे कि 
वह जीव अंडा देता है या बच्चा?  
उसकी क्या पहचान है?
बहुत आसान है,, 
जिस जानवरो के कान बाहर दिखते हैं वे सभी बच्चे देते हैं।
और जिन जानवरों के कान बाहर नहीं दिखते हैं 
वे अंडे देते हैं..
ये बताएं आप लोगों के सामने बिल्कुल कोई जीव आया है... तो आप कैसे पहचानेंगे कि ये *शाकाहारी है या मांसाहारी ?
आइये हम समझते हैं।
चूँकि आपने तो पहले उसे खाना बनाते देखा ही नहीं है, 
जिन जानवरों की आँखों के बाहर की ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सभी के सभी माँसाहारी होते हैं,
जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बाज, बाघ, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु आंखों का गोला है वह मांसाहारी ही होगा।
ठीक उसी तरह से जिन जानवरों के आंखों की बाहरी संरचना लम्बी एवं नोकदार होती हैं, वे सभी के सभी जीव-जंतु मांसाहारी नहीं होते हैं।
जैसे- हिरण, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी, आदि। 
उसकी आंखें बाहर की ओर मजबूत होती हैं 

 इंसान की आंखों की संरचना भी लंबाई वाली होती है... 
इससे मानव शाकाहारी जीव हुआ।

फिर भी इंसानो में बहुत सारे लोग मूर्खता के कारण मांसाहार करते हैं।
जिन भी जानवर के नाखून नुकीले होते हैं, वे सबके सब माँसाहारी होते हैं, 
जैसे- शेर, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध या अन्य कोई भी वैज्ञानिक परमाणु आरक्षण वाला जीव.... 
और 
जिन जानवरों के नाखून चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी होते हैं,
जैसे- मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी आदि

जिन भी प्राणियों या पशु-प्राणियों को भोजन मिलता है, वे सबके सब शाकाहारी होते हैं,
जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर, आदि अनेकानेक जीव...
माँसाहारी पशुओं को खाना पचाना नहीं आता है, इसलिए कुदरतिस वे जीव अपनी जीभ निकालकर लार टपकते रहते हैं।
इस प्रकार वे आपने शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं।
इंसान को खाना पचाना आता है लेकिन कुछ जानवर जीभ से अपने खाने को हजम करते हैं।
जो लोग अहिंसा में, सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं में विश्वास करने वाले लोग भी हैं वो बच्चों को नैतिक-बौद्धिक ज्ञान देना या सीखने-पढ़ने के लिए इस बातचीत की शैली विकसित कर हैं।

 कैसे शाकाहारी मनुष्य भी जानकारी के अभाव में मांसाहार का उपयोग करता है और कहा जाता है कि जब अन्न नहीं उपजाया जाता था तब मनुष्य मांसाहार का सेवन करते थे, जो सरासर गलत है मनुष्य कन्द मूल फल और पत्ते पर जीवित रहते थे।

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