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भाई का बदला (भाग-1)

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एक गांव में रघुवीर नाम के एक किसान रहते थे और उनके दो बेटे थे। उन्होंने खुद अपनी पत्नी और दोनों बच्चों का पालन-पोषण किया क्योंकि उनके पास खुद की कोई जमीन नहीं थी। उनके दोनों बेटों के बड़े बेटे का नाम राम था। जो बिल्कुल सीधा और सरल स्वभाव का था। और दूसरा बेटा जो छोटा था उसका नाम श्याम था वह काफी हंसमुख और साहसी था।  राम जब कुछ बड़ा हुआ और अपने घर का नजारा देखा तो समझ आया कि उनका परिवार बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहा है तो उन्होंने प्रदेश में कहीं नौकरी करने का विचार किया और अपनी मां के पास पहुंच कर अपने मन की सारी बात बता दी। उनके पिता रघुवीर ने पहले तो मना कर दिया, लेकिन जब राम ने बार-बार जिद करके कहा तो वह मान गये। अगले दिन राम कुछ कपड़े और खाने के लिए कुछ रोटी और कंबल लेकर घर से शहर की तरफ निकल पड़े। उन दिनों उपदेश का कोई साधन नहीं था जो अधिकांश लोग पैदल या बैलगाड़ी से चले जाते थे, यही कारण था कि राम लगभग एक दिन के समय के रास्ते में ही निकल जाते थे। उसके बाद सबसे घना शहर दिखाई दिया।  शहर में काम की तलाश करते हुए दो दिन निकले लेकिन काम नहीं मिला। थक कर हार कर राम एक बरगद के पेड...

माता सीता जी के जन्म की कथा ( Story of Mother Sita's Birth )

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पुरानी कहावत है जो लोग पाप करते हैं उनके पाप का घड़ा एक न एक दिन भरकर फूटता जरूर है। माता सीता के जन्म की कहानी भी कुछ ऐसी ही है लंकापति रावण एक महाविद्वान् था। लेकिन असुर जाति में पैदा होने की वजह से बहुत ही क्रूर था ।  वह अपनी प्रजा से भारी कर लिया करता था लेकिन जो लोग जंगलो में रह कर तपस्या करते तथा हवन यज्ञ किया करते थे उन ऋषियों और महात्माओं से कर के रूप में उनका एक एक बून्द रक्त (खून) लिया करता था और उसे एक मटके में भरवा कर रख देता था क्योंकी उन लोगों के पास कर देने के लिये और कुछ नहीं होता था । इसलिए वह कर के रूप में खून ही लेता था।  एक दिन वह जंगल मे भ्रमण कर रहा था। घूमते हुए वह एक सरोवर के पास पहुंचा । उस सरोवर के चारों तरफ रंग बिरंगे फूल और तरह तरह के पेड़ पौधे लगे हुए थे। और सरोवर में सुंदर कमल के फुल भी खिले हुए थे । इतना सुंदर दृश्य देखकर रावण को रहा नहीं गया और वह उस सरोवर के पास चला गया । रावण काफी देर तक उस सरोवर की सुंदरता को देखता रहा । बाद में उसने पूजा के लिए कुछ कमल के फूलों को तोड़ा और वापस अपने घर आ गया। अपनी पूजा के समय जब वह कमल के फूलों को अर्पण करने ध्...

पत्थर की कीमत

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एक दिन एक लड़का एक महात्मा के पास गया और उसने कहा कि गुरु जी मैं आपसे गुरु मंत्र लेना चाहता हूं, क्या आप मेरे शिष्य हैं।  महात्मा जी ने लड़के से कहा ठीक है बेटा लेकिन तुम्हें कुछ दिन हमारे आश्रम में रहकर हमारे आदर्शों का पालन करना होगा और साहस दिखाना होगा। लड़का आदमी जाता है और आश्रम में सभी शिष्यों का पालन-पोषण करता है और महात्मा जी का मन भरपूर सेवा करता है। कुछ ही दिनों में लड़के ने महात्मा जी का मन जीत लिया। एक दिन महात्मा जी ने उन्हें अपने पास बुलाया और कहा, कि हम सेवा से बहुत खुश हैं इसलिए कल सुबह तुम स्नान करके हमारे पूजा स्थल पर आ जाओ, कल हम तुम्हारा गुरु मंत्र लेकर आएंगे। लड़का बहुत खुश हुआ । अगले दिन सुबह स्नान करके लड़का गुरु जी के पास गया। गुरु जी ने उसके कान में चुपके से राम नाम का मंत्र बोल दिया। और उस से प्रति दिन इस मंत्र का जाप करते रहनें को कह दिया। यह सुन कर लड़का चौंक गया और गुरुजी से बोला । गुरु जी ये मंत्र तो मै पहले से ही जानता था। मेरी तो इतने दिनों की मेहनत बेकार हो गयी। ऐसा सोचकर वह लड़का बहुत दुखी हो गया। तब महात्मा जी ने वहीं जमीन पर पड़ा हुआ एक च...

फूल का अहंकार ( the flowers ego )

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समय समय की बात है कल तेरा था अब मेरा है। कुछ पल की काली रात थी फिर से नया सवेरा है।। एक सुंदर फूलों का बगीचा था उसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल लगे हुये थे उसी बगीचे में एक गुलाब के पेड़ के निचे जड़ों के पास एक पत्थर पड़ा हुआ था। जो भी ब्यक्ति उस गुलाब के फूल को तोड़ने आता वह उस पत्थर के ऊपर पैर रखकर गुलाब के फूलों को तोड़ता था । There was a beautiful flower garden, in which all kinds of colorful flowers were planted, in the same garden a stone was lying near the roots under a rose tree.  Whoever came to pluck that rose flower, he used to break the rose flower by placing his foot on that stone. यह देखकर गुलाब बहुत खुश होता था मन ही मन उसे घमंड होता था की वह कितना भाग्यशाली है लोग उसके फूलों को तोड़कर उसकी सुगंध लेते हैं और खुश होते हैं लोग उसे कितना प्यार करते हैं! और फिर उस पत्थर का मजाक उड़ाते थे उस पत्थर से कहते कि देख तू कितना बदनसीब है लोग तुझे अपने पैरों से कुचलते है  और मुझे प्यार देते हैं मै कितना महान हूं मेरे सामने तेरी कोई औकात नहीं है तु कितना मनहूस है । Rose used to be ve...

कौवे की कहानी (the crow story )

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रामायण के धार्मिक एवं पवित्र ग्रंथ रामायण के एक प्रसंग के अनुसार श्रीराम चन्द्र जी अपने वनवास के एक दिन माता सीता के साथ एक पुष्प वाटिका में बैठे थे। श्री राम जी ने कुछ पुष्प तोड़कर एक सुंदर पुष्पों का हार बनवाया और अपने हाथों से माता सीता जी को पहनाया।  इसी प्रकार अनेक प्रकार के पुष्पों के आभूषण श्री राम जी ने सीता माता को धारण किए थे, वैसे ही माता सीता जी तो सुंदर थीं लेकिन इन फूलों के आभूषणों ने अपने पुष्पों के आभूषणों में चार चांद लगा दिए। हिंदू धार्मिक और पवित्र ग्रंथ रामायण में एक घटना के अनुसार, श्री राम चंद्र जी अपने वनवास के दौरान एक दिन माता सीता के साथ फूलों के बगीचे में बैठे थे।  श्री राम जी ने कुछ फूल तोड़कर एक सुन्दर फूलों का हार बनाया और अपने हाथों से माता सीता जी को पहनाया।  इसी प्रकार श्री राम जी ने अनेक प्रकार के फूलों के आभूषण बनाकर सीता माता को पहनाए, यद्यपि माता सीता सुन्दर थीं, परन्तु इन फूलों के आभूषणों ने उनकी सुन्दरता में चार चांद लगा दिए। पत्थर की कीमत या अन्य ऐसी कहानियों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें उसी समय आकाश मार्ग से देवताओं ...

पिता और पुत्र का प्रेम(father and son love)

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जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी। When a man was about forty-five years old, his wife passed away. People suggested second marriage but they refused saying that I have the gift given by my wife in the form of a son, with this my whole life will be well spent. पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी अपने तो कभी दोस्तों के ऑफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे। When the son became an adult, the entire business was handed over to the son. Sometimes he himself started spending time sitting in the office of his friends. पुत्र की शादी के बाद वह ओर अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया। He became more certain after the marriage of his son. The whole house was handed over to the daughter-in-law. पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दोहपर में खाना खा रहे...

शाकाहार

शाकाहारी और माँसाहारी में अंतर मानव मांसाहारी है या शाकाहारी है.... आइए समझते हैं  आप लोग कहीं जा रहे हैं और  सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई सांप छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिखाई दिया, जिसे आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो, तो सवाल यह है कि  आप कैसे पहचानेंगे कि  वह जीव अंडा देता है या बच्चा?   उसकी क्या पहचान है? बहुत आसान है,,  जिस जानवरो के कान बाहर दिखते हैं वे सभी बच्चे देते हैं। और जिन जानवरों के कान बाहर नहीं दिखते हैं  वे अंडे देते हैं.. ये बताएं आप लोगों के सामने बिल्कुल कोई जीव आया है... तो आप कैसे पहचानेंगे कि ये *शाकाहारी है या मांसाहारी ? आइये हम समझते हैं। चूँकि आपने तो पहले उसे खाना बनाते देखा ही नहीं है,  जिन जानवरों की आँखों के बाहर की ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सभी के सभी माँसाहारी होते हैं, जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बाज, बाघ, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु आंखों का गोला है वह मांसाहारी ही होगा। ठीक उसी तरह से जिन जानवरों के आंखों की बाहरी संरचना लम्बी एवं नोकदार होती हैं, ...

बुद्धि की परिक्षा (test of mind)

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नमस्कार दोस्तों, आज मैं आप लोगों को एक पुराने जमाने के व्यापारी की कहानी बताने वाला हूं, आप इस कहानी को पूरा पढ़ेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि कैसे एक व्यापारी ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके अपने दो लड़कों में से योग्य उत्तराधिकारी का चुनाव किया। Hello friends, today I am going to tell you the story of an old-fashioned businessman, if you read this story completely, then you will come to know that how a businessman used his mind to choose a suitable heir from his two boys. . दोस्तों,       बात उस समय की है जब हमारे गांवों में बिजली नहीं हुआ करती थीं, लोग घरों में दीपक जला कर घरों में उजाला किया करते थे। आने जाने के लिए कोई साधन नहीं होते थे। लोग बैल गाड़ीयों में यात्राएं किया करते थे। Friends, this is about the time when there was no electricity in our villages, people used to light up the houses by lighting lamps in their homes. There were no means of commuting. People used to travel in bullock carts. ऐसी बहुत सी सुविधाएं हैं जो आजकल आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं उन दिनों मे...