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श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के जन्म का रहस्य(The secret of the birth of Shri Ram and Shri Krishna)

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राम का घर छोड़ना एक षड्यंत्रों में घिरे राजकुमार की करुण कथा है। और कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति। राम जो आदर्शों को निभाते हुए कष्ट सहते हैं, कृष्ण षड्यंत्रों के हाथ नहीं आते, बल्कि स्थापित आदर्शों को चुनौती देते हुए एक नई परिपाटी को जन्म देते हैं। Leaving Rama's house is a sad story of a prince embroiled in conspiracies. and esoteric diplomacy to leave Krishna's house. Rama, who suffers in the pursuit of ideals, does not fall into the hands of Krishna's conspiracies, but challenges the established ideals and gives birth to a new tradition. श्री राम से श्री कृष्ण हो जाना एक सतत प्रक्रिया है.... From Shri Ram to Shri Krishna is a continuous process. राम को मारिचि भ्रमित कर सकता है, लेकिन कृष्ण को पूतना की ममता भी नहीं उलझा सकती। Marichi can confuse Rama, but even Putana's love for Krishna cannot. राम अपने भाई को मूर्छित देखकर ही बेसुध बिलख पड़ते हैं, लेकिन कृष्ण अभिमन्यु को दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकते । Rama faints upon seeing his brother faint, but Krishna does n...

असली मालिक कौन (who is the real owner)

एक गांव में दो व्यक्तियों के बीच एक आम के पेड़ को लेकर बिबाद चल रहा था। एक कहता था मेरा है और दूसरा कहता था मेरा है, एक का नाम राजू तो दूसरे का नाम कन्हैया था। दोनों का यह झगड़ा बादशाह अकबर के दरबार तक पहुंच गया। In a village, a fight was going on between two people over a mango tree. One used to say it is mine and the other used to say it is mine, one's name was Raju and the other's name was Kanhaiya. This quarrel of both reached the court of Emperor Akbar. अकबर बादशाह अपने दरबार में बैठे थे। तभी राजू और कन्हैया दोनो व्यक्ति अपने घर के पास स्थित आम के पेड़ का मामला ले कर बादशाह अकबर के पास आए। दोनों व्यक्तियों का कहना था कि वे ही आम के पेड़ के असली मालिक हैं और दुसरा व्यक्ति झूठ बोल रहा है। आम का पेड़ फलों से लदा हुआ था, इसलिए दोनों में से कोई उसपर से अपना दावा हटाना नहीं चाहता था।  ( Emperor Akbar was sitting in his court. Then both Raju and Kanhaiya came to Emperor Akbar with the matter of mango tree located near their house. Both the persons said that they are the real owners ...

बुद्धि की परिक्षा (test of mind)

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नमस्कार दोस्तों, आज मैं आप लोगों को एक पुराने जमाने के व्यापारी की कहानी बताने वाला हूं, आप इस कहानी को पूरा पढ़ेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि कैसे एक व्यापारी ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके अपने दो लड़कों में से योग्य उत्तराधिकारी का चुनाव किया। Hello friends, today I am going to tell you the story of an old-fashioned businessman, if you read this story completely, then you will come to know that how a businessman used his mind to choose a suitable heir from his two boys. . दोस्तों,       बात उस समय की है जब हमारे गांवों में बिजली नहीं हुआ करती थीं, लोग घरों में दीपक जला कर घरों में उजाला किया करते थे। आने जाने के लिए कोई साधन नहीं होते थे। लोग बैल गाड़ीयों में यात्राएं किया करते थे। Friends, this is about the time when there was no electricity in our villages, people used to light up the houses by lighting lamps in their homes. There were no means of commuting. People used to travel in bullock carts. ऐसी बहुत सी सुविधाएं हैं जो आजकल आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं उन दिनों मे...

मन में विश्वास हो तो भगवान भी साथ देते है(If you have faith in your mind, then God also supports you.)

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  भक्त और भगवान( devotee and God) बुद्धी परीक्षण, एक नयी कहानी आज से लगभग सत्तर वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के रामपुर गांव में कुछ ब्राह्मण रहते थे,   वह सब आर्थिक रूप से गरीब थे, और खेती किसानी कर के अपना गुजारा कर रहे थे। About seventy years ago, some Brahmins lived in Rampur village of Uttar Pradesh, all of them were financially poor, and were doing their livelihood by farming.   उसी गांव में एक श्री राम जी का बहुत पुराना मंदिर था। उसमें उसी गांव के शिव राम पाण्डेय जी पुजारी थे। There was a very old temple of Shri Ram ji in the same village. In it Shiv Ram Pandey ji of the same village was the priest. श्री राम अथवा श्री कृष्ण के जन्म का रहस्य जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें   जो नित्य प्रति दिन शंख और घण्टे की ध्वनी के साथ श्री राम जी की आरती किया करते थे.. Those who used to perform aarti of Shri Ram ji with the sound of conch shell and bell every day.   इस गांव के सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते थे और एक दूसरे का बहुत आदर करते थे। ...

भगवान श्री कृष्ण और भूत की लड़ाई ( Battle of Lord Shri Krishna and Ghost )

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हमारा अत्यधिक क्रोध और डर, दुश्मन की ताकत को और बढ़ा देती है।   Our extreme anger and fear add to the enemy's strength कहते हैं कि जब त्रेता युग में भगवान श्री राम जी ने इस धरती पर अवतार लिया था तो उनका अवतरण कुछ सीमित शक्तियों के साथ हुआ था। और उन्होने अपना पूरा जीवन एक सीमित मर्यादा के साथ गुजार दिया और समूचे संसार को एक मर्यादा का पाठ पढ़ाया। इसी लिए संसार में वह मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भी याद किए जाते हैं। लेकिन द्वापर में जब उन्होंने कृष्ण के रूप में इस धरती पर अवतार लिया तो वह अपनी सभी शक्तियों और कलाओं के साथ अवतरित हुए। It is said that when Lord Shri Ram had incarnated on this earth in Treta Yuga, he had incarnated with some limited powers.  And he spent his whole life with a limited dignity and taught the whole world a lesson of dignity.  That is why he is also remembered in the world as Maryada Purushottam.  But when he incarnated on this earth in the form of Krishna in Dwapar, he incarnated with all his powers and arts. अपने शिशु अवस्था से ही उनका सा...

बीरबल की महानता (भाग दो)

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बीरबल की खिचड़ी भाग एक की कहानी पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक करें भाग दो सरोवर से बाहर निकाल कर पहरेदारों ने उसे राजदरबार में उपस्थित किया। वहां पर बादशाह अकबर के साथ मंत्री बीरबल तथा अन्य सभी बड़े से बड़े सभासद वहां मौजूद थे। बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा बताओ तुमने रात में क्या क्या देखा रात कैसे गुजरी। जहांपना रात भर मैने अपनी मां के बारे मे सोचता रहा। बादशाह अकबर ने लड़के से फिर पूछा क्या तुमने और कुछ नहीं देखा। थोड़ा सोचने के बाद लड़के ने जवाब दिया। हुजूर वहीं से थोड़ी दूर पर एक हवेली के तीसरे माले पर एक दीपक जल रहा था। बस पूरी रात मैं उसी को देखता रहा ओर कब रात बीत गई कुछ पता ही नहीं चला। हूं..... इसका मतलब यह है कि तुमने पूरी रात उस दीपक की लौ में गर्मी लेते हुए बिताई है इसलिए तुम ईनाम के हकदार नहीं हो, तुम्हें यह ईनाम नहीं दिया जायेगा, "बादशाह अकबर ने लड़के से कहा"। ये सुनते ही मानो लड़के के पैरों के नीचे से ज़मीन ही खिसक गई हो, आंखों से आंसू छलक पड़े । रात भर की सारी मेहनत पर मानो पानी ही फिर गया। लड़के ने आंखों में आंसू भर कर एक आशा भरी निगाहों से बीरबल की तरफ देखा।...

बीरबल की महानता(भाग एक)

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 बीरबल की खिचड़ी   बादशाह अकबर के शासन काल के समय की बात है भाग एक सर्दी का मौसम था चारों तरफ घना कोहरा छाया हुआ था।  कहीं दूर दूर तक लोग नजर नहीं आ रहे थे । सभी लोग अपने अपने घरों में दुबके हुए थे। कोई अलाव जलाकर बैठा हुआ था तो कोई बिस्तर में दुबका हुआ था। कोई भी, इंसान तो क्या जानवर भी, बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। ऐसे में बादशाह अकबर और बीरबल दोनों मौसम का मजा ले रहे थे। और आपस मे बातें कर रहे थे। बादशाह बोले, बीरबल चलो कहीं घूम कर आते हैं, जो हुक्म जहांपना, कहकर दोनों नगर भ्रमण पर निकल पड़े। नगर में घूमते हुए अचानक बादशाह अकबर की नजर एक सरोवर पर पड़ी। बादशाह अकबर, ने बीरबल से पूछा क्यों बीरबल स्नान करोगे।  बीरबल ने कहा, जहांपना इतनी ठंड में एक पंछी भी इस सरोवर में नहीं आ रहे हैं ऐसे में स्नान करना तो दूर शरीर से अंग वस्त्र भी उतरना मुस्किल है। पर आपकी आज्ञा है तो पूरी करना ही पड़ेगा। बीरबल, "बादशाह अकबर ने कहा" हमें एक विचार आया है। फरमाइए जहांपना, बीरबल सारे नगर में घोंसड़ा जारी कर दिया जाए कि जो भी इंसान पूरी रात  इस सरोवर के अंदर गले तक जल ...