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ऊंट की चोरी (theft of a camel)

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दोस्तों यह कहानी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की है ।आयोध्या का एक गांव है कहुवा पुराने जमाने में यह गांव चोरो के लिए मशहूर था। लोगो का मानना था। कि यहां के लोग कुछ भी चोरी कर सकते हैं। इस लिए बाहर से इस गांव में आने वाले लोग हमेशा सावधान रहते थे। Friends, this story is from Ayodhya district of Uttar Pradesh. Kahuva is a village in Ayodhya. In olden days this village was famous for thieves.  People believed.  That people here can steal anything.  That is why people coming to this village from outside were always careful. एक बार इस गांव में एक लड़की की शादी होने वाली थी तो लोगों ने आपस में सलाह करके यह निर्णय लिया कि हम लोग होने वाली शादी में आने वाले बारातियों का कोई सामान हम नहीं चुराएंगे क्योंकी हमारे घर की बेटी उनके घर की बहू बनने वाली है और ऐसे में हमें उनकी कोई भी चीज चुरानी नहीं चाहिए। धीरे धीरे शादी का दिन आ गया। बारात गांव में पहुंच गई। बारातियों ने आते ही ये शर्त रख दी कि अगर इस गांव में मेरा एक भी सामान चोरी हो गया तो मैं बिना दहेज के दुल्हन ले जाऊंगा ।............

जंगल का भूत (ghost of the forest)

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एक घना जंगल था उस जंगल के बीच से एक रास्ता निकलता था । ये रास्ता एक गांव से दूसरे गांव की ओर जाता था। There was a dense forest, a path came out through the middle of that forest.  This road used to lead from one village to another. जंगल इतना ज्यादा घना और भयानक था कि लोग जिनको जंगल के रास्ते कहीं आना जाना हो या कोई और भी काम हो तो दिन में ही कर लिया करते थे। एक दिन एक आदमी जो किसी काम से जंगल के रास्ते दूसरे गांव गया हुवा था लेकिन वापस लौटने में उसे देर हो गयी जब वह वापस लौटा तो रात होने लगी । वह आदमी जंगल में कुछ ही दूरी पर आया था कि उसे एक चार या पांच साल का लड़का मिला जो रो रहा था। The forest was so dense and terrible that people who had to go somewhere through the forest or have any other work, used to do it during the day itself.  One day a man who had gone to another village through the forest for some work, but he was late in returning, when he returned, it was night.  The man had come some distance in the forest when he found a boy of four or five years who was cry...

दुर्योधन

दुर्योधन! महाभारत का ही नहीं विश्व के सबसे बड़े खलनायकों का आदिगुरू। आपको शायद यह शब्द अजीब लग रहा होगा लेकिन सत्य यही है। संसार में एक से एक हिंसक और खूँख्वार  पात्र हुये लेकिन दुर्योधन संसार का पहला अनूठा खलनायक था। क्या वह रावण से ज्यादा खतरनाक योद्धा था? क्या वह अलैग्जेंड्रिया की लाइब्रेरी जलाने वाले खलीफा उमर  से बड़ा बर्बर था? क्या वह तैमूर गजनवी और औरंगजेब जैसे मुस्लिम बादशाहों जैसा हत्यारा था? नहीं, वह इन पैशाचिक गुणों में इनके आसपास भी नहीं था लेकिन उसमें एक ऐसी कला थी जिसने न केवल उस युग के जनसामान्य ही नहीं बल्कि राजनीति के माहिर ऋषियों व राजाओं को भी भ्रमित कर दिया। वह घोर अन्यायी और परपीड़क होने के बावजूद स्वयं को पीड़ित  प्रदर्शित करने में माहिर था। वह झूठा केवल बात बनाने में माहिर था। उसकी इस कला ने उसके बर्बर कार्यों और पापों को ही नहीं ढंक लिया बल्कि उल्टे पांडवों को ही लगभग अधर्मी सिद्ध कर दिया। भरतवंश में योग्यतम राजकुमार को राज्य देने की परंपरा थी और उसने जनसामान्य के सामने सिद्ध कर दिया कि उसे केवल उसके पिता की नेत्रहीनता की सजा मिल रही है। उसने धूर्ततापू...

दृढ़ आत्मविश्वास

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लघु कथा         एक बार एक पक्षी समुंदर में से चोंच से पानी बाहर निकाल रहा था। दूसरे ने पूछा भाई ये क्या कर रहा है। पहला बोला समुंदर ने मेरे बच्चे डूबा दिए है अब तो इसे सूखा कर ही रहूँगा। यह सुन दूसरा बोला भाई तेरे से क्या समुंदर सूखेगा। तू छोटा सा और समुंदर इतना विशाल। तेरा पूरा जीवन लग जायेगा। पहला बोला देना है तो साथ दे। सिर्फ़ सलाह नहीं चाहिए। यह सुन दूसरा पक्षी भी साथ लग लिया। ऐसे हज़ारों पक्षी आते गए और दूसरे को कहते गए सलाह नहीं साथ चाहिए। यह देख भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी भी इस काम के लिए जाने लगे। भगवान बोले तू कहा जा रहा है तू गया तो मेरा काम रुक जाएगा। तुम पक्षियों से समुंदर सूखना भी नहीं है। गरुड़ बोला भगवन सलाह नहीं साथ चाहिए। फिर क्या ऐसा सुन भगवान विष्णु जी भी समुंदर सुखाने आ गये। भगवान जी के आते ही समुंदर डर गया और उस पक्षी के बच्चे लौटा दिए।  अगर आत्मविश्वास दृढ़ है और सच्चे मन से कोई भी कार्य करने की ठान लो तो प्रकृति भी आपकी मदद में शामिल हो जाती है।

पिता और पुत्र का प्रेम(father and son love)

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जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी। When a man was about forty-five years old, his wife passed away. People suggested second marriage but they refused saying that I have the gift given by my wife in the form of a son, with this my whole life will be well spent. पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी अपने तो कभी दोस्तों के ऑफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे। When the son became an adult, the entire business was handed over to the son. Sometimes he himself started spending time sitting in the office of his friends. पुत्र की शादी के बाद वह ओर अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया। He became more certain after the marriage of his son. The whole house was handed over to the daughter-in-law. पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दोहपर में खाना खा रहे...

शाकाहार

शाकाहारी और माँसाहारी में अंतर मानव मांसाहारी है या शाकाहारी है.... आइए समझते हैं  आप लोग कहीं जा रहे हैं और  सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई सांप छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिखाई दिया, जिसे आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो, तो सवाल यह है कि  आप कैसे पहचानेंगे कि  वह जीव अंडा देता है या बच्चा?   उसकी क्या पहचान है? बहुत आसान है,,  जिस जानवरो के कान बाहर दिखते हैं वे सभी बच्चे देते हैं। और जिन जानवरों के कान बाहर नहीं दिखते हैं  वे अंडे देते हैं.. ये बताएं आप लोगों के सामने बिल्कुल कोई जीव आया है... तो आप कैसे पहचानेंगे कि ये *शाकाहारी है या मांसाहारी ? आइये हम समझते हैं। चूँकि आपने तो पहले उसे खाना बनाते देखा ही नहीं है,  जिन जानवरों की आँखों के बाहर की ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सभी के सभी माँसाहारी होते हैं, जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बाज, बाघ, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु आंखों का गोला है वह मांसाहारी ही होगा। ठीक उसी तरह से जिन जानवरों के आंखों की बाहरी संरचना लम्बी एवं नोकदार होती हैं, ...

जगरानी देवी

जगरानी देवी एक महान क्रांतिकारी की माँ की दुःख भरी कहानी। जंगल में लकड़ी बिन रही एक मैली सी धोती में लिपटी बुजुर्ग महिला से वहां खड़ी भीड़ ने हंसते हुए कहा .  " नही चंदू ने आजादी के लिए कुर्बानी दी हैं।" बुजुर्ग औरत ने गर्व से कहा। उस बुजुर्ग औरत का नाम जगरानी देवी था और इन्होने पांच बेटों को जन्म दिया था, जिसमे आखरी बेटा कुछ दिन पहले ही शहीद हुआ था। उस बेटे को ये माँ प्यार से  चंदू  कहती थी और दुनियां उसे चंद्रशेखर आजाद के नाम से जानती हैं। हिंदुस्तान आजाद हो चुका था ,आजाद के मित्र सदाशिव राव  एक दिन आजाद के माँ-पिता जी की खोज करतें हुए उनके गाँव पहुंचे। आजादी तो मिल गयी थी लेकिन बहुत कुछ खत्म हो चुका था।  चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत के कुछ वर्षों बाद उनके पिता जी की भी मृत्यु हो गयी थी।  आज़ाद के भाई की मृत्यु भी इससे पहले ही हो चुकी थी।  अत्यंत निर्धनावस्था में हुई उनके पिता की मृत्यु के पश्चात आज़ाद की निर्धन निराश्रित वृद्ध माताश्री उस वृद्धावस्था में भी किसी के आगे हाथ फ़ैलाने के बजाय जंगलों में जाकर लकड़ी और गोबर बीनकर लाती थी तथा कंडे और लकड़ी बेचकर अपना प...