संदेश

आस्था लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

माता सीता जी के जन्म की कथा ( Story of Mother Sita's Birth )

चित्र
पुरानी कहावत है जो लोग पाप करते हैं उनके पाप का घड़ा एक न एक दिन भरकर फूटता जरूर है। माता सीता के जन्म की कहानी भी कुछ ऐसी ही है लंकापति रावण एक महाविद्वान् था। लेकिन असुर जाति में पैदा होने की वजह से बहुत ही क्रूर था ।  वह अपनी प्रजा से भारी कर लिया करता था लेकिन जो लोग जंगलो में रह कर तपस्या करते तथा हवन यज्ञ किया करते थे उन ऋषियों और महात्माओं से कर के रूप में उनका एक एक बून्द रक्त (खून) लिया करता था और उसे एक मटके में भरवा कर रख देता था क्योंकी उन लोगों के पास कर देने के लिये और कुछ नहीं होता था । इसलिए वह कर के रूप में खून ही लेता था।  एक दिन वह जंगल मे भ्रमण कर रहा था। घूमते हुए वह एक सरोवर के पास पहुंचा । उस सरोवर के चारों तरफ रंग बिरंगे फूल और तरह तरह के पेड़ पौधे लगे हुए थे। और सरोवर में सुंदर कमल के फुल भी खिले हुए थे । इतना सुंदर दृश्य देखकर रावण को रहा नहीं गया और वह उस सरोवर के पास चला गया । रावण काफी देर तक उस सरोवर की सुंदरता को देखता रहा । बाद में उसने पूजा के लिए कुछ कमल के फूलों को तोड़ा और वापस अपने घर आ गया। अपनी पूजा के समय जब वह कमल के फूलों को अर्पण करने ध्...

राजा दशरथ जी ने श्रवण कुमार जी को क्यों मार दिया(Why did King Dashrath kill Shravan Kumar?)

चित्र
एक बार अयोध्या नगर में शेरों का आतंक बढ़ गया तो नगर के निवासियों ने अयोध्या के राजा दशरथ जी के पास अपनी परेशानी बताई कि रात में शेर उनके जानवरों को मारकर खा जाता है। Once the terror of lions increased in the city of Ayodhya, the residents of the city told their problem to King Dasharatha of Ayodhya that the lion kills and eats their animals at night. राजा दशरथ जी उनके साथ गये । उधर श्रवण कुमार अपने अंधे माता पिता की इच्छा पूर्ण करने के लिये उन्हें सभी तीर्थों की परिक्रमा करवाने कंधे पर लेकर निकले थे। उसी दौरान रात हो जाने की वजह से श्रवण कुमार  अयोध्या नगर के एक जंगल में तमसा नदी के तट पर ठहर गये। King Dasharatha went with them.  On the other hand, to fulfill the wishes of his blind parents, Shravan Kumar had taken them on his shoulder to circumambulate all the pilgrimages.  At the same time, as it was night, Shravan Kumar stayed in a forest in Ayodhya city on the banks of river Tamasa. उधर राजा दशरथ जी नगर वासियों को साथ लेकर उस शेर के शिकार के लिए उसी जंगल में गये हुए थे...

श्रवण कुमार के जन्म की कहानी(shravan kumar birth story)

चित्र
 राजा दशरथ जी जब अयोध्या पर राज कर रहे थे तब उनके ही शासन काल में ही उन्ही के राज्य के एक छोटे से गांव में शांतनु नाम का व्यापारी रहता था। शांतनु की पत्नी का नाम ज्ञानवती था। दोनों की कोई संतान नहींं थी। इस लिए संतान प्राप्ति के लिए दोनों ने मिलकर भगवान भोलेनाथ की आराधना किया और"ॐ नमः शिवाय।" मंत्र का जाप करने लगे । कई दिनों तक इसी मंत्र का जाप दोनों करते रहे । इन दोनो की कठोर तपस्या से खुश होकर शंकर भगवान प्रकट होकर इन दोनों से अलग अलग वरदान मांगने को कहा ।जिसके फलस्वरूप शांतनु ने अपने लिए एक पुत्र की मांग कीऔर ज्ञानवती ने एक पुत्री की मांग रखी। भगवान शंकर ने शांतनु से कहा ठीक है हम तुम्हे पुत्र देंगे जो बहुत ही गुणवान और मातृ पितृ भक्त होगा लेकिन बहुत कम आयु में उसकी मृत्यु हो जाएगी वह अल्पायु का होगा । और ज्ञानवती से बोले तुम्हारे लिए हम एक गुणवती और चरित्रवान पुत्री का वरदान दे रहे हैं। When King Dasharatha was ruling Ayodhya, during his reign, a merchant named Shantanu lived in a small village in his kingdom.  Shantanu's wife's name was Gyanvati.  Both had no chi...

श्रीराम दरबार में हनुमान जी ने अपनी छाती क्यों फाड़ डाली?(Why did Hanuman tore his chest in Shri Ram's court?)

चित्र
जय सीताराम दोस्तों......… Jai Sitaram friends......... दोस्तो रामायण में वर्णन हैं की जब श्री राम चंद्र जी लंका पर विजय प्राप्त करके वनवास से वापस आ रहे थे तो उनके साथ  सुग्रीव, विभीषण, हनुमान आदि सभी बड़े महाबली योद्धा आयोध्या आये थे वह सब लोग श्रीराम जी का राज्याभिषेक देखने के लिए आये थे। Friends, it is described in Ramayana that when Shri Ram Chandra ji was coming back from exile after conquering Lanka, all the great warriors like Sugriva, Vibhishana, Hanuman etc. had come to Ayodhya, they all came to see the coronation of Shri Ram.  . श्री राम जी के राज्याभिषेक में बड़े बड़े ऋषि, मुनी  और देवी देवता नगर वासियों के वेश में शामिल हुए और कुछ आकाश मंडल से ही अपना अपना आशीर्वाद दिया और दर्शन कर के चले गए। श्रीराम का राज्याभिषेक बहुत ही धूम धाम से मनाया गया उसके बाद सभी लोग अपने अपने निवास स्थान पर वापस चले गए लेकिन सुग्रीव, हनुमान, विभीषण आदि लोग जो वनवास से उनके साथ आए थे वह लोग वही रूके हुये थे। In the coronation of Shri Ram ji, great sages, sages and deities attended the d...

साधू और वैश्या(monk and prostitute)

चित्र
एक गांव में एक महात्मा रहते थे वह गांव के ही एक शिव मंदिर में शिव ज़ी की पूजा किया करते थे । गांव के बाहर कुछ ही दूरी पर उनकी कुटिया थी और कुटिया के ठीक सामने एक वैश्या का घर था।  A Mahatma lived in a village, he used to worship Lord Shiva in a Shiva temple in the village itself.  He had a hut at some distance outside the village and just in front of the hut was a prostitute's house. वैसे उसका पेशा तो वैश्या का था लेकिन वह मन से शंकर भगवान की भक्त थी इसलिए प्रतिदिन अपने कार्य की सुरुवात से पहले प्रार्थना करती थी और अपने सभी अच्छे बुरे कार्यों को भगवान को समर्पित कर दिया करती थी। दूसरी तरफ महात्मा जी प्रतिदिन सुबह स्नान करके मंदिर जाते थे और पूजा पाठ कारवाते थे थोड़ी देर प्रभु का भजन होता था और फिर अपनी कुटिया पर वापस आ जाया करते  थे। Although her profession was that of a prostitute, but she was a devotee of Lord Shankar by heart, so she used to pray every day before starting her work and dedicate all her good and bad deeds to God.  On the other hand, Mahatma ji used to...

मन में विश्वास हो तो भगवान भी साथ देते है(If you have faith in your mind, then God also supports you.)

चित्र
  भक्त और भगवान( devotee and God) बुद्धी परीक्षण, एक नयी कहानी आज से लगभग सत्तर वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के रामपुर गांव में कुछ ब्राह्मण रहते थे,   वह सब आर्थिक रूप से गरीब थे, और खेती किसानी कर के अपना गुजारा कर रहे थे। About seventy years ago, some Brahmins lived in Rampur village of Uttar Pradesh, all of them were financially poor, and were doing their livelihood by farming.   उसी गांव में एक श्री राम जी का बहुत पुराना मंदिर था। उसमें उसी गांव के शिव राम पाण्डेय जी पुजारी थे। There was a very old temple of Shri Ram ji in the same village. In it Shiv Ram Pandey ji of the same village was the priest. श्री राम अथवा श्री कृष्ण के जन्म का रहस्य जानने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें   जो नित्य प्रति दिन शंख और घण्टे की ध्वनी के साथ श्री राम जी की आरती किया करते थे.. Those who used to perform aarti of Shri Ram ji with the sound of conch shell and bell every day.   इस गांव के सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते थे और एक दूसरे का बहुत आदर करते थे। ...

पांच विद्वान (five scholars )

चित्र
       तू मेरी किस्मत क्या जाने ये तो वक्त ही बताएगा    जो होना होगा वह तो होगा ही उसे कौन रोक पायेगा What will you know about my fate, only time will tell "दोस्तों हमारी यह कहनी  पांच ऐसे दोस्तों की है जिन्होंने शिक्षा और ज्ञान के अहंकार में अपने ही दोस्त को लज्जित किया करते थे। ईश्वर ने कैसे उन अहंकारी दोस्तों को दंड दिया। आप इस कहानी के मा ध्यम से जानेंगे इस लिए इस कहनी को अंत तक जरूर पढ़े।" "Friends we have to say this  There are five such friends who used to put their own friend to shame in the pride of education and knowledge.  How did God punish those arrogant friends?  You will know through this story, so read this story till the end. पुराने समय की बात है एक आश्रम में पांच दोस्त एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे। उनमें से चार चालाक थे और एक सीधा, सरल स्वभाव का था उसके मन में किसी के लिए कोई भेदभाव नही था। उसके चारों दोस्त उसका मजाक उड़ाया करते थे। फिर भी वह उन्हें कुछ नहीं कहता था चुपचाप हंस कर टाल दिया करता था। It is a matter of ...

किसान और अंग्रेज की दोस्ती(Farmer and English friendship)

चित्र
एक किसान था उसके पास दो गाय, एक जोड़ी बैल और एक भैंस थी। वह रोज सवेरे उठकर अपने सभी जानवरों को चारा खिलाता था जब सभी जानवर चारा खा लेते थे उसके बाद नित्य क्रिया करके सुबह का नाश्ता करके अपने खेतों में काम करने चला जाता था। There was a farmer, he had two cows, a pair of bullocks and a buffalo.  He used to get up early in the morning and feed all his animals, when all the animals ate the fodder, after that after doing daily activities, having breakfast in the morning, he went to work in his fields. उसके परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी और दो बच्चे भी थे। जब किसान खेत में काम करने चला जाता था तो उसकी पत्नी भैंस और गायों का दूध निकालती और खाना बनाती थी। Apart from him, his wife and two children were also in his family.  When the farmer went to work in the field, his wife milked buffaloes and cows and cooked food. उसके बाद बच्चों को खाना खिलाना बाद में स्कूल के लिए तैयार करना, स्कूल में छोड़ना बस यही इन सबका रोज का काम हुआ करता था। इनकी जिंदगी में किसी बात की कोई कमी नह...